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पेन के ढक्कन में छेद क्यों होता है, क्या इससे लोगों की जान बचाई जाती है / GK IN HINDI

बॉल पेन का उपयोग तो सभी लोग करते हैं। आपने अक्सर देखा होगा पेन के ढक्कन यानी कैप में एक छोटा सा छेद होता है। सवाल यह है कि पेन के कैप में यह छेद क्यों किया जाता है। क्या यह निर्माण की प्रक्रिया के दौरान हो जाता है और इसका कोई महत्व नहीं है या फिर इसके पीछे कोई बहुत बड़ा कारण है। क्या ऐसा करके पेन बनाने वाली कंपनियां हजारों लोगों की जान बचा लेती है।

पेन के ढक्कन में छेद क्यों होता है: सामान्य धारणा 

इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोग बताते हैं कि पेन के ढक्कन में छेद करके उसकी रिफिल में मौजूद स्याही को सूखने से बचाया जाता है। यदि पेन की कैप में छेद नहीं करेंगे तो उसके अंदर मौजूद इंक सूख जाएगी लेकिन इस दलील में दम नहीं है क्योंकि पेन की इंक को ऑक्सीजन देने के लिए रिफिल में पीछे की तरफ छेद होता है। यदि आप ढक्कन को पूरी तरह से बंद करके रख देंगे तब भी बॉल पेन की इंक को कुछ नहीं होगा।

पेन के ढक्कन में छोटे से छेद की बड़ी वजह यह है


अक्सर बच्चे हो या बड़े जब काम करते है या लिखते समय पेन के ढक्कन को मुंह में डाल लेते हैं और कभी-कभी उसे गलती से निगल भी लेते हैं, ऐसी स्थिती में ये ढक्कन अंदर जाकर सांस नली में फंस जाता है। पेन के ढक्कन में अच्छी चीज यह है कि ढक्कन में छेद होने पर उससे सांस का प्रवाह होता रहता है और सांस रुक नहीं पाती है। अगर यह छेद न हो तो ढक्कन के गले में फंसने से किसी की भी मौत हो सकती है। इस वजह से पेन कंपनिया बॉलपेन के ढक्कन में छेद कर देती हैं ताकि ये गले में फंसने के बाद सांस का प्रवाह ना रोक सके। एक रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में हर साल इसी के चलते 100 बच्चों की मौत होती है। इसी को ध्यान में रख कर पेन कंपनियों ने बॉलपेन के ढक्कन में छेद करते हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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